
श्रीराम जानकी मंदिर में लगा गंदी नाली का पानी, मंदिर में पूजा करने को मजबूर है ग्रामीण
यूपी, संजय कुमार तिवारी। बलिया से है जहां बलिया के सागरपाली चट्टी से एनएच 31 के किनारे बना काफी पुराना यह मंदिर ठाकुर बाड़ी और वेद व्यास मुनि का है वेद व्यास के मंदिर में हनुमान की प्रतिमा और श्रीराम जानकी की भी प्रतिमा मौजूद है। वर्षों पहले वेद व्यास मुनि गंगा तट पर तपस्या किए थे जिसका नाम व्यास स्थान के नाम से जाना जाता था बाद में बासथाना के नाम से जाना जाने लगा जो गंगा मे विलीन हो गया उसके बाद वहां के लोग सागरपाली मे आकर रहने लगे और वेद व्यास मुनि का मंदिर निर्माण करा कर पूजन करने लगे ऐसी मान्यता है कि व्यास स्थान से ही गंगा को नाव से पार कर ताड़का वध के लिए बक्सर पुरूषोत्तम श्री राम और लक्ष्मण जी को विश्वामित्र जी ले गए थे सागरपाली मे स्थित इस मंदिर में वर्षो से पूजा अर्चना करते है लोग। लेकिन मंदिर की साफ सफाई नही होती है।
आप जरा गौर से देखिए इस वेद व्यास मंदिर की हालत आज बद से बत्तर हो गई है।पूरे गांव की नाली का गंदा पानी पूरे मंदिर परिसर में लगा हुआ है गंदे पानी की निकासी के लिए कोई व्यवस्था तक नही की जा रही है।इसी गंदे पानी से होकर महिलाएं पूजा पाठ करती है । एक तरफ साफ सफाई को लेकर देश के प्रधानमंत्री झाड़ू लेकर सफाई करते नजर आते है तो दूसरी तरफ यूपी सरकार के मुख्यमंत्री झाड़ू लगाते नजर आ रहे है लेकिन यहां के जन प्रतिनिधि बस फोटो खिंचवाने का काम करते है और फोटो खिंचवाने के बाद अपनी बाह बाही बटोरने में लगे रहते है।
इस गांव में बकायदे सफाई कर्मी भी नियुक्त है लेकिन सफाई कर्मियों के द्वारा भी मंदिर की साफ सफाई नही होती है।ऐसे में सवाल उठता है की मंदिर के नाम पर राजनीति करने वाले भी मंदिरो की हालत देख कर भी मौन है। वही ग्रामीणों का आरोप है कि यह वेद व्यास जी का मंदिर है यह काफी पुराना मंदिर है किसी का भी ध्यान नहीं है की मंदिर को कैसा रहना चाहिए पूरा गांव का नाली का पानी इसी मंदिर मे लगा हुआ है किसी को कोई चिंता नहीं की मंदिर की सफाई होनी चाहिए।गंदे पानी से होकर जाते है और साफ पानी से हाथ पैर धो लेते है
सरकार मंदिर की बात कर रही है और मंदिर ही गंदा है गांव वालों को सोचना चाहिए की गांव का मंदिर इसको भी साफ रहना चाहिए गांव की नाली पूरी तरह से जाम हो गई है और मंदिर जो है वह खाल में है इस लिए मंदिर मे पानी आ जा रहा है यह लगभग पांच साल से यह हालत है लोग मुंह से कहते तो है लेकिन कोई साफ सफाई के लिए आता नही।जब इस गांव में नेता आते है तो कहते है कि इस आराजी माफी गांव का नाम सबसे ऊपर लिखो और सबसे पहला लिस्ट में लिखो और जाने के बाद कभी झांकने तक नही आते। इसी मंदिर पर नेता कई बार आते है एक बार आयेंगे दुबारा कोई नही आता।वोट लेना है तो जरूर आयेंगे और फिर आश्वासन देकर चले जाते हैं।
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